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न जानता क्यों फ़जंल अजीब Par Mai Apane Maseeh ko Jaanata
पर मै अपने मसीह को जानता न जानता क्यों फ़जंल अजीब, आ पहुँचा मेरे पास,क्यों मुझ बदकार को यीशु ने, खून से किया खलास। पर मै अपने मसीह को जानता और यह भी मानता,कि वह है कादिर, कि मेरी अमानत रखे,रखे सालिम ला ज़वाल। न जानता क्योंकर आया यह अजीब मज़बूत ईमान,खुदा की बात पर…